एक सपने की जिन्दगी
ये है एक सपने की जिन्दगी
एक पल या शायद कुछ क्षणों की
यह जन्म लेते है गहरी नींद के खुमार में...
बंद सोती आँखों के दरीचो में बसे रहते हैं और
फिर आँख खुलते ही ख़त्म हो जाते हैं
पर छोड़ जाते हैं अपने निशां और कुछ यादें... धुंधली सी
और थोड़ी देर बाद ये यादें भी मिट जाती हैं
रह जाता है उनका एक एहसास... क्षीण सा
और रह जाती है एक हल्की सी उम्मीद
इन सपनो के सच होने की...
पर ये सपने सच नहीं होने चाहिए
इन्हें तो सपनो में दुनिया में बसे रहना चाहिए…
इन्द्रधनुषी रंगों से सजी... आशाओं के बादलों पर विचरण करती…
हकीकत के कठोर धरातल से दूर बसी एक अदभुध दुनिया
हकीकत न सही सपना हे सही
कहीं कुछ तो सुंदर है इस नीरस बेरंग जीवन में
जो जगाये रखता है एक आस को... आने वाला कल सुनहरा है इस विश्वास को
पुनीत मेहता
14 सितंबर 2008
Sunday, September 14, 2008
एक सपने की जिन्दगी
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1 comment:
ati-sunder....
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