उस दिन अलमारी के उपर
स्कूल पुराने बस्ते में
एक चुम्बक मिल गया...
और मिलीं कुछ छोटी छोटी पेन्सिलें,
एक रबड़, कुछ छोटे गोल पत्थर,
कुछ कौडियाँ, कागज़ के कुछ पुर्जे,
कुछ सरकंडे, थोडी सी मिटटी और
उसकी एक छोटी सी... मटमैली सी तस्वीर
हमेशा सोचता था उन दिनों को...
क्यों नहीं भूलता उन दिनों को
ये तो शायद वो बस्ते में रखा
चुम्बक ही है जिसने...
रोके रखा है यादों को... जिन्दगी को
पुनीत मेहता
६ सितम्बर २००९
Tuesday, October 13, 2009
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