आज मैं नहीं हूँ...
तुम्हारे पास
पर तुम हो मेरे साथ
यही कही आसपास
हम नहीं हैं पास पास
पर रहेंगे हमेशा साथ
ये दूरी तो है बस
एक परदे की मानिंद
तुम देख नहीं पाते हो
पर मैं हूँ तुम्हारे ही साथ...
यहीं कहीं आसपास
एक इंतजार है...
फिर से मिलने का
तुम्हारे साथ रहने का
एक भरपूर जीवन जीने का
बस रखना ये विश्वास
मैं हूँ हमेशा तुम्हारे साथ…
यहीं कहीं आसपास
पुनीत मेहता
12 फ़रवरी 2009
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